पेंशन, जीपीएफ नहीं मिलने पर उखड़े जेबीटी शिक्षक

नाहन (सिरमौर)। पेंशन के प्रावधान में लेट लतीफी बरत रही सरकार पर जिला के 140 के करीब जेबीटी शिक्षकों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। यह शिक्षक ग्रामीण विद्या उपासक से नियमित होकर जेबीटी शिक्षक लगे थे। गौरतलब है कि पूरे राज्य में इस श्रेणी के वर्तमान समय में तकरीबन 1250 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षक माया राम शर्मा, अभिषेक शर्मा, अनिल तोमर, चतर ठाकुर, जय प्रकाश, राम लाल, सुरेश तोमर, रंगीलाल, धनवीर, जयपाल, कपिल, सुशील शर्मा, जब्बर सिंह आदि ने इसे लेकर सरकार के खिलाफ न्यायालय में जाने का मन बनाया है।
शनिवार को ग्रामीण विद्या उपासक से जेबीटी शिक्षक बने अध्यापकों ने बैठक आयोजित कर अपनी समस्या रखी। बैठक में कहा गया कि ये अध्यापक 26 अगस्त 2002 को ग्रामीण विद्या उपासक के पदों पर नियुक्त हुए थे। बाद में सरकार ने इन्हें 16 अगस्त 2011 को नियमित कर दिया। ग्रामीण विद्या उपासकों की नियुक्ति वर्ष 2002 में हुई थी, उस समय विभाग की नीति तथा नियमों में जीपीएफ एवं पेंशन का प्रावधान था। जबकि सरकार की ओर से जारी आदेशों में ऐसे ग्रामीण विद्या उपासक शिक्षकों को पेंशन का हकदार नहीं माना जा रहा।
शिक्षकों ने कहा है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ग्रामीण विद्या उपासकों की नियमावली में साफ तौर पर लिखा है कि ऐसे शिक्षकों को 6 वर्ष के कार्यकाल में नियमित किया जाएगा। जबकि उन्हें सरकार ने 9 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद नियमित किया। शिक्षकाें ने इस मामले में 15 मई 2003 से पहले विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वह सभी एकजुट हो कर इस मामले में अपने लिए न्याय मांगें।

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